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लेखनी कविता -12-Feb-2023


समस्या यह नहीं है कि दाल महंगी है,

गिला यह है कि किसी की गलती नहीं।


जवानी से बुढ़ापा आ गया हो इंसान पर,

लेकिन परेशानियों की उम्र क्यूं ढलती नहीं।


रहन सहन और जीवनशैली भले बदलती रही,

पर कुछ लोगों की सोच फिर भी बदलती नहीं।


एक शरीर तो राख कर देती है चिता की आग,

पर उससे जुड़ी परेशानियां लेकिन जलती नहीं।




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9 Comments

Milind salve

12-Feb-2023 03:34 PM

शानदार

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Varsha_Upadhyay

12-Feb-2023 01:42 PM

बहुत खूब

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Punam verma

12-Feb-2023 09:14 AM

Nice

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